सुप्रीम कोर्ट का आदेश: पीसीएस परीक्षा में उत्तराखंड की महिलाओं को जारी रहेगा 30 फीसदी आरक्षण,
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग पीसीएस मुख्य परीक्षा के परिणाम में उत्तराखंड महिला आरक्षण का लाभ देगा। जो भी उम्मीदवार अब तक पीसीएस प्री परीक्षा से मेन के लिए क्वालिफाई हुए हैं, उन सभी को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा।
दरअसल, उत्तराखंड महिला आरक्षण के शासनादेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद प्रदेश में 30 प्रतिशत उत्तराखंड महिला आरक्षण खत्म हो गया था। हाईकोर्ट में पीसीएस परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर आए आदेश के क्रम में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने कई बार पीसीएस मेन का रिजल्ट संशोधित किया है।.
करीब पांच हजार उम्मीदवारों को अलग-अलग मामलों में आयोग पीसीएस मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई घोषित कर चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के महिला आरक्षण संबंधित आदेश पर रोक लगने के बाद दोबारा पीसीएस परीक्षा में उत्तराखंड की महिलाओं के आरक्षण की राह खुल गई है।
आयोग का कहना है कि जो भी उम्मीदवार अब तक क्वालिफाई घोषित हो चुके हैं, वह 28 जनवरी से 31 जनवरी के बीच होने वाली पीसीएस मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि पीसीएस मुख्य परीक्षा का जो परिणाम जारी होगा, उसमें उत्तराखंड महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
समूह-ग की भर्तियों के रिजल्ट में शामिल होगा आरक्षण
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग समूह-ग की भर्तियां भी करा रहा है। अब तक पुलिस कांस्टेबल, पटवारी-लेखपाल, फॉरेस्ट गार्ड और सहायक लेखाकार के पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी कर चुका है। आयोग ने इन भर्तियों में उत्तराखंड महिला आरक्षण के बजाए सभी महिलाओं के आरक्षण का विकल्प दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद आयोग इन भर्तियों के रिजल्ट में उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देगा।
जो उम्मीदवार पीसीएस मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई घोषित किए जा चुके हैं, वह जनवरी में होने वाली परीक्षा में शामिल होंगे। मुख्य परीक्षा के परिणाम में उत्तराखंड महिला आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसी प्रकार, समूह-ग में भी लाभ दिया जाएगा।
- जीएस रावत, सचिव, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग
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