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कोरोना फर्जी जांच: फेक टेस्टिंग मामले में मैक्स प्रबंधन की गिरफ्तारी पर रोक,कोर्ट ने कहा-जांच में सहयोग करें


कोरोना फर्जी जांच: फेक टेस्टिंग मामले में मैक्स प्रबंधन की गिरफ्तारी पर रोक,कोर्ट ने कहा-जांच में सहयोग करें
 हल्द्वानी,:हाईकोर्ट नैनीताल ने बुधवार को हरिद्वार कुम्भ के दौरान कोविड जांच में धोखाधड़ी करने के आरोपी मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज द्वारा दायर पुलिस एफआईआर की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य मामले में दिए निर्णय के आधार पर गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच में सहयोग करने को कहा है। कोर्ट ने उनसे 25 जून को  जांच अधिकारी के सम्मुख पेश होने को भी कहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया कि वे मामले की जाँच में पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार है। 25 जून को जांच अधिकारी के सम्मुख पेश भी होंगे। सुनवाई न्यायमूर्ति एनएस धनिक की एकलपीठ में हुई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार की ओर से बीती 17 जून को मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के खिलाफ  पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप लगाया कि कुंभ मेले के दौरान उक्त संस्था ने एंटीजन टेस्ट परीक्षण में धोखाधड़ी की है। मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज ने कुंभ मेले के दौरान रैपिड-एंटीजन परीक्षण आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नालवा लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड और डॉ लाल चंदानी लैब्स लिमिटेड से समझौता किया। जो आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त हैं। मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज केवल एक सेवा प्रदाता हैं। यदि कोई नकली परीक्षण किया गया है, तो इसमें मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज की कोई भूमिका नहीं है। औवह जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। याची ने पुलिस को संस्था के खिलाफ कार्यवाही से रोके जाने को निर्देश देने की मांग की है।


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