20 महीने की हाड़तोड़ मेहनत के बाद किसान ने अपनी ही फसल पर चलाया ट्रैक्टर..
सितारगंज :मुझसे बड़ी भूल हो गयी जो मैं सरकारी दावे को सही मान बैठा। मुझे लगा था कि केले की फसल मुझे न सिर्फ कर्ज से उबार देगी, बल्कि घर में अच्छी आय भी हो सकेगी। लेकिन 20 महीने की हाड़तोड़ मेहनत के बाद फसल को कोई खरीदार नहीं मिला। हालत यह है कि मुझ पर साढ़े तीन लाख रुपये का कर्जा हो गया है, जबकि फसल के दो रुपये किलो भी भाव नहीं मिल रहे।’ रूंधे गले से ट्रैक्टर की स्टीयरिंग थामे किसान राजेश कुमार ने यह बात कही तो उनका दर्द छलक आया।
अगले ही पल उन्होंने ट्रैक्टर का रुख करीब तीन एकड़ खेत की ओर मोड़ दिया, जहां तीन से चार फीट ऊंची केले की फसल लगी थी। चंद ही घंटों में राजेश ने खेत में उगे केले के सभी पौधों और उन पर लगी फसल को ट्रैक्टर के हैरो से कुचल दिया। उनका कहना था, ‘सरकार किसानों को सपने दिखाती है तो उन्हें पूरा करने में भी मदद करे।’यह कहानी है सितारगंज के खुनसरा गांव के किसान राजेश और शेर सिंह की।
दरअसल, इन किसानों को करीब दो साल पहले उद्यान विभाग की योजना की जानकारी मिली। इसके तहत किसानों को केले की फसल लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा था। विभाग की ओर से किसानों को पौध, मजदूरी और अन्य सुविधाएं देने का भी दावा किया गया था। दोनों किसानों को योजना जंच गयी। लेकिन अब तक कई खरीदारों से मिल चुके हैं, लेकिन फसल के दाम दो रुपये किलो भी नहीं मिल रहे।
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