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दून अस्पताल में लड़की की मौत पर हंगामा, डॉक्टर सहित 3 नर्सिंग स्टॉफ ड्यूटी से हटाए, होगी जांच

दून अस्पताल में लड़की की मौत पर हंगामा, डॉक्टर सहित 3 नर्सिंग स्टॉफ ड्यूटी से हटाए, होगी जांच
दून अस्पताल में इलाज के दौरान बुखार से पीड़ित युवती की मौत के बाद परिजनों ने गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उनकी दून अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ से तीखी नोक-झोंक भी हुई। हालात संभालने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। मामले में एक डॉक्टर के साथ ही तीन नर्सिंग स्टॉफ को इमरजेंसी की ड्यूटी से हटाने के साथ मामले की जांच बिठा दी गई है।

साहिया के समाल्टा गांव की बुखार पीड़ित 18 वर्षीय निशा पुत्री गोपाल को मंगलवार रात साढ़े दस बजे लेहमन अस्पताल विकासनगर से रेफर कर दून अस्पताल लाए। परिजनों का कहना है कि वह पार्किंग से खुद चलकर अस्पताल की इमरजेंसी में आई थी। रात में निशा के बराबर में एक महिला भर्ती हुई, जिसने जहर खाया था।

उनका आरोप है कि इस महिला के लिए लाए गए इंजेक्शन निशा को लगाने से उसकी हालात अचानक बिगड़ने लगा और कुछ देर में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बिना उनकी सहमति के इमरजेंसी वार्ड से डेड बॉडी मर्च्यूरी में शिफ्ट करा दी। बुधवार सुबह यहां बड़ी संख्या में निशा के परिजन पहुंच गए। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामा बढने के बाद अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर के अलावा ड्यूटी पर तैनात तीन नर्सिंग स्टॉफ को इमरजेंसी ड्यूटी से हटाने और परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की सहमति देने पर आक्रोशित परिजन शांत हुए। हालांकि शाम को पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों की मौजूदगी से इंकार करने पर फिर विवाद हुआ।

अस्पताल प्रबंधन ने बनाई जांच कमेटी
दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने, अभद्रता करने और इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी गई। जांच तक आरोपित डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ को ड्यूटी से हटा दिया है।

इधर, डिप्टी एमएस डॉ.धनंजय डोभाल ने बताया युवती को कई दिन से बुखार था, उसे गंभीर स्थिति में अस्पताल लाए थे। 20 हजार प्लेटलेट्स थी। शॉक सिंड्रोम की वजह से मौत होना प्रतीत हो रहा है। बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा।

अफसरों से उलझे लोग, इमरजेंसी खाली कराई
निश की मौत के बाद परिजनों और साथ में आए लोगों में गुस्सा था। एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल और एचओडी मेडिसिन डॉ. नारायण जीत सिंह से उनकी तीखी नोंकझोंक हो गई। इसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ा।

डिप्टी एमएस डॉ. धनंजय डोभाल और सीओ नीरज सेमवाल के साथ परिजनों की कई दौर की वार्ता हुई। इधर, परिजनों की ओर से डीएम और एसएसपी को भी लिखित शिकायत दी गई। परिजनों ने इस मामले में शहर कोतवाली में भी तहरीर दी है।

इमरजेंसी में रात को कब होगा सुधार?
दून अस्पताल की इमरजेंसी में रात को आए दिन मरीज से अभद्रता लापरवाही सैंपल खो देने आदि की शिकायत आ रही है लेकिन यहां का सिस्टम सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। दिन में अधिकांश शिकायत कम रहती है प्राचार्य ने कहा कि एमएस डीएमएस और एमरजैंसी मेडिसिन एचओडी को एक साथ बैठकर रात की व्यवस्था सुधारने का पूरा खाका तैयार करने को कहा है।

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