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UKSSSC पेपर लीक : अब तक 30 गिरफ्तारियां, गोवा से धरा गया लखनऊ का नकल माफिया फिरोज

UKSSSC पेपर लीक : अब तक 30 गिरफ्तारियां, गोवा से धरा गया लखनऊ का नकल माफिया फिरोज
देहरादून. उत्तराखंड अधीनस्थ लोक सेवा चयन आयोग में हुए पेपर लीक मामले में अब तक 30 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और एसटीएफ ने एक अहम कड़ी हाथ लगने का दावा भी किया है. एसटीएफ ने एक और आरोपी फिरोज हैदर को गोवा के पणजी में अरेस्ट किया. एसटीएफ आरोपी हैदर को यूपी की राजधानी लखनऊ के माफिया मामले में सबसे अहम कड़ी मान रही है. इससे पहले कल मंगलवार को इस मामले में एक शिक्षक बलवंत रौतेला की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बारे में कहा गया कि वह 2013 में भी पेपर लीक के सिलसिले में गिरफ्तार हो चुका था.

यूपी का फिरोज हैदर लखनऊ के माफिया गिरोह का वही सदस्य है, जो UKSSSC के स्नातक स्तर के पेपर लीक मामले में लखनऊ से हल्द्वानी पेपर लेकर आया था. जिसने पूर्व में पकड़े गए आरोपी शशिकांत को पेपर उपलब्ध करवाए थे साथ ही, धामपुर से नकल माफिया केन्द्रपाल के साथ भी हैदर के सम्पर्क होने की पुष्टि हुई है. हैदर लखनऊ का रहने वाला है और जैसे ही पता चला कि STF उसकी तलाश कर रही है. वह तुरन्त ही गोवा फरार हो गया, जिसकी सूचना पर STF टीम ने आरोपी को पणजी से गिरफ्तार किया.

सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि आरोपी हैदर नकल माफिया है, जिसके उत्तराखंड में ही नहीं अन्य राज्यों में भी तार जुड़े हैं. अन्य राज्यों के भी पेपर लीक और नकल करवाने में उसकी अहम भूमिका है. अब STF अन्य राज्यों को भी इस बारे में जानकारी देने जा रही है.

शशिकांत का राइट हैंड भी हिरासत में
UKSSSC पेपर लीक मामले में STF ने 29 वीं गिरफ्तारी करते हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय लोहाघाट में दस साल से नियुक्त बेसिक टीचर बलवंत सिंह रौतेला को करीब 40 अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराने के आरोप में कल धर दबोचा था. बलवंत वह आरोपी है, जो इस मामले में पहले पकड़े गए शशिकांत का राइट हैंड माना जा रहा है. एसटीएफ के मुताबिक बलवंत 2013 में भी पेपर लीक करवाने को लेकर अरेस्ट हुआ था और तब शशिकांत और वह 25 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल गए थे.

यह भी पता चला कि बलवंत 2015 में हल्द्वानी के काठगोदाम क्षेत्र से भी पेपर लीक और नौकरी दिलाने के मामले में गिरफ्तार हुआ था. मज़बूत साक्ष्य न होने के चलते बाद में कोर्ट से बरी हो गया था. कभी लोहाघाट बाजार में छोटी मोटी दुकान चलाने वाले एक शिक्षक का नकल माफिया के तौर पर उभरना इस मामले में बड़े इशारे भी कर रहा है.

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