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उत्तराखंड में अब 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेट, 10-10 हजार रुपये देगी केन्द्र सरकार


उत्तराखंड में अब 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेट, 10-10 हजार रुपये देगी केन्द्र सरकार
देहरादून :उत्तराखंड के 22 हजार बेसिक शिक्षक जल्द ही टैबलेट की मदद से स्कूल में पढ़ाई कराते नजर आएंगे। केंद्र सरकार ने बेसिक शिक्षकों को टेबलेट देने की राज्य की योजना पर मुहर लगा दी। शुक्रवार को समग्र शिक्षा अभियान की प्लॉन अप्रुवल बोर्ड की बैठक में राज्य के लिए 970 करोड़ रुपये का बजट प्लॉन मंजूर किया गया है। हालांकि राज्य ने 1167 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 197 रुपये की कटौती कर दी है।

तकनीकी विश्वविद्यालय में वर्चुअल माध्यम से शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की अध्यक्षता में राज्य के अधिकारियों ने केंद्रीय शिक्षा अधिकारियों के सामने अपने प्रस्ताव रखे। इन प्रस्तावों पर एक बार पहले दिल्ली में बैठक हो चुकी थी। एक घंटे से अधिक वक्त तक सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श के बाद बजट प्लान को मंजूर कर दिया गया।  


टेबलेट योजना में प्रति शिक्षक 10 हजार रुपये मंजूर किए गए है।  टेबलेट राज्य सरकार खुद खरीदकर  देगी अथवा शिक्षकों को डीबीटी से धन देकर खरीदने की अनुमति दी जाएगी, इस पर जल्द निर्णय लेगी। शिक्षा का अधिकार एक्ट-आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल में पढाई कर रहे छात्रों की फीस के रूप में 100 करोड़ रुपये देने पर भी केंद्र ने स्वीकृति दी है।  बैठक में डीजी शिक्षा- बंशीधर तिवारी, एपीडी-एसएसए डॉ. मुकुल कुमार सती, निदेशक आरके कुंवर, सीमा जौनसारी, वंदना गरब्याल, एसएसए से एमएम जोशी आदि मौजूद रहे।

संवरेंगे स्कूल

200 नए स्कूलों  में होगी रोजगार की पढाई, वर्तमान में राज्य में 200 स्कूलों में शुरू हो चुकी 
1124 नई स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी, फिलहाल 709 स्कूलों में ही हैं स्मार्ट क्लास
840 आईसीटी लैब बनाने को मंजूरी, वर्तमान में राज्य के पास हैं 500 लैब सक्रिय
नए एडमिशन वाले एक लाख छात्र-छात्राओं को मिलेगी ड्रेस- किताब

नए शिक्षा सत्र में पहली से आठवीं कक्षा तक एडमिशन लेने वाले एक लाख से भी ज्यादा छात्र-छात्राओं के लिए भी अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने एसएसए के बजट प्लॉन में इन छात्रों को भी निशुल्क किताब और यूनिफार्म योजना में शामिल करने पर सहमति दे दी। दरअसल, शिक्षा विभाग ने बजट प्लॉन के तहत जो संख्या पहले भेजी थी, उसमें नए एडमिशन वाले छात्र शामिल नहीं थे। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से केंद्र के सामने रखा। कहा कि सभी छात्रों को लाभ दिया जाना चाहिए। 

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