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ऋषिकेश के चिदानंद मुनि की तस्वीरें वायरल होने पर बवाल, संत भड़के तो मुनि ने कहा, सच जानिए

ऋषिकेश के चिदानंद मुनि की तस्वीरें वायरल  होने पर बवाल, संत भड़के तो मुनि ने कहा, सच जानिए
ऋषिकेश: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फोटो और वीडियो को लेकर हरिद्वार का संत समाज सांप्रदायिकता को लेकर एक बार फिर उग्र दिख रहा है. एक तरफ कश्मीर फाइल्स  से सांप्रदायिक चर्चाएं तेज़ हैं तो दूसरी तरफ धर्म संसद  के वीडियो का मामला भी अभी सुलझा नहीं है. ऐसे में, परमार्थ निकेतन आश्रम  के स्वामी चिदानंद मुनि के खिलाफ हरिद्वार में संत समाज का एक वर्ग आक्रामक नज़र आया. इस वर्ग ने साफ कह दिया है कि सनातन धर्म  का अपमान अगर कोई संत भी करेगा तो उसका बहिष्कार कर मुंह काला किया जाएगा. इस पूरे मामले में अब चिदानंद मुनि ने अपना पक्ष रखकर खंडन किया है.

सोशल मीडिया पर जो फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें चिदानंद मुनि कुछ मुस्लिमों के साथ नज़र आ रहे हैं. फोटो में दिखता है कि जैसे चिदानंद मुनि की मौजूदगी में मुस्लिम नमाज़ पढ़ रहे हों और वीडियो में मुस्लिम समाज के साथ राष्ट्रगान (National Anthem) गाते दिख रहे हैं. इस वीडियो के बारे में चिदानंद मुनि का कहना है कि परमार्थ निकेतन आश्रम में 4 साल पहले धर्मगुरुओं की एक बैठक में भारत के राष्ट्रध्वज  और राष्ट्रगान के पक्ष में एक कार्यक्रम हुआ था. ये फोटो और वीडियो उसी समय के हैं, जिन्हें भ्रांतिवश इन दिनों के बताकर अनर्गल ढंग से वायरल किया जा रहा है.


चिदानंद मु​नि का कहना है कि उस समय राष्ट्रगान व राष्ट्रध्वज फहराने के संबंध में विवाद चल रहा था, जिस पर कुछ धर्मगुरुओं से बातचीत के बाद विवाद को खत्म करने के लिए सांप्रदायिक सद्भाव का कार्यक्रम रखा गया था. उस कार्यक्रम में राष्ट्र के प्रति सभी ने एकता और उन्नति के संकल्प लिये थे. उन्होंने कहा कि जिसने भी ये तस्वीरें व वीडियों वायरल किए हैं, उनके पास सही जानकारी नहीं है इसलिए बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है.


किस कदर बढ़ चुका है विवाद?
इन वायरल तस्वीरों को लेकर विवाद का आलम यह है कि हरिद्वार में शांभवी आश्रम में स्वामी आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में संत समाज का एक वर्ग जुटा और चिदानंद मुनि का विरोध किया. खबरों के मुताबिक स्वरूप ने बाद में कहा कि ऐसे संतों को माफ नहीं किया जाएगा. वहीं, काली सेना के प्रमुख विनोद गिरी ने हिंदू विरोधी गतिविधियां करने वाले संतों का विरोध किया जाएगा और काली सेना ऐसे संत का मुंह भी काला करेगी.

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