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आफत की बारिश : भारी बारिश के चलते केदारनाथ में दो बच्चों समेत 6 की मौत

आफत की बारिश : भारी बारिश के चलते केदारनाथ में दो बच्चों समेत 6 की मौत
उत्तराखंड में भारी बारिश से विभिन्न स्थानों पर जनहानि व संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। केदारनाथ में गौरीकुंड में छप्पर पर ढांग गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। उत्तराखंड मौसम पूर्वानुामन में भारी बारिश का अलर्ट जारी है। बारिश की वजह से उत्तराखंड छह लोगों की मौत हो गई है। उत्तराखंड चार धाम यात्रा रूट पर यमुनोत्री मार्ग पर हनुमान चट्टी के पास पहाड़ी से चलती बस पर बोल्डर गिरा है।

बस पर बोल्डर गिरने से महाराष्ट्र की एक महिला यात्री की मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गया। नैनीताल के मंगोली बरसाती नाले में 44 वर्षीय चंद्रदत्त बिष्ट, पिथौरागढ़ के धारचूला में मलबा हटाते वक्त बोल्डर गिरने से बीआरओ के आपरेटर थंपी पीवी (57) जबकि गदरपुर में पेड़ गिरने से अक्षय नेगी (25) युवक की मौत हो गई।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार गौरीकुंड के गौरी गांव के समीप बीती रात करीब एक बजे छप्पर के ऊपर ढांग गिरने से तीन बच्चे दब गए, जबकि महिला ने भागकर जान बचाई। इनमें दो बच्चों पिंकी (05) व रियाज (03)की मौत हो गई और एक अन्य स्वीटी (08) को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केदारनाथ हाईवे नारायणकोटि बैरियर और सिस्ली के पास पिछले 27 घंटें से अवरुद्ध है।

मंगलवार दोपहर एक बजे सड़क की पुलिया बह गई थी। यमुनोत्री मार्ग पर हनुमानचट्टी के समीप डाबरकोट के सुबह लगभग आठ बजे पहाड़ी से बस पर बोल्डर गिरने से महाराष्ट्र की यात्री पायल की मृत्यु हो गई, जबकि महाराष्ट्र के ही एक अन्य यात्री कृष्ण सिंह धबानी गंभीर रूप से घायल हो गए।

यमकेश्वर में अतिवृष्टि से नुकसान
यमकेश्वर के कांडी गांव में बीती रात अतिवृष्टि से बड़ी मात्रा में कृषि जमीन चार गौशालाएं बह गईं, जिससे छह मवेशियों की मौत हो गई है। यमकेश्वर थाना पुलिस के अनुसार कोई जनहानि नहीं हुई है, हालांकि गांव के कई घर खतरे की जद में हैं, जिन्हें पड़ोस के घरों में भेज दिया है। सतेड़ी नदी में बना झूला पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

यूएसनगर में कई स्थानों पर जल भराव
यूएसनगर में कई हिस्सों में जलभराव से 55 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया। बाजपुर में लेवड़ा नदी का जलस्तर बढ़ने से एसडीएम आफिस व दफ्तर भी जलमग्न हो गया। वहीं, सितारगंज के बरूआवावाग व अरविंदनगर में 25 और काशीपुर में ढेला नदी के पानी छह घरों में घुसने से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

सभी जिलाधिकारियों को अतिवृष्टि के मद्देनजर अलर्ट मोड पर रहने और सहयोगी संस्थाओं से निरंतर समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और यूएसनगर के जिलाधिकारियों को फोन पर बात कर नुकसान और जलभराव की स्थिति के बारे में जानकारी भी ली।

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