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धनोल्टी : लाखों की जमाराशि लेकर प्राइवेट बैंक मेनेजर, कर्मचारी बैंक में ताला लटका रातोंरात चंपत


धनोल्टी :  लाखों की जमाराशि लेकर प्राइवेट बैंक मेनेजर, कर्मचारी बैंक में ताला लटका रातोंरात चंपत
 नैनबाग : धनोल्टी स्थित प्राइवेट बैंक ने व्यापारियों व स्थानीय निवासियों को लाखों की चपत लगाई है। बैंक मैनेजर व कर्मचारी बोरिया-बिस्तर बांधकर रातों-रात चंपत हो गए। इस बात का पता ग्राहकों को बीते बुधवार दोपहर को तब चला जब ग्राहक बैंक में पहुंचे और बैंक में ताला लटका मिला। इससे आक्रोशित व्यापारियों ने बैंक में काम करने वाले चार स्थानीय कर्मचारियों को घेर लिया। बाद बैंक मैनेजर के दस दिन के भीतर रुपये लौटाने का आश्वासन देने के बाद स्थानीय निवासियों को कर्मचारियों को छोड़ा। धनोल्टी बाजार में पिछले चार साल से प्राइवेट जनशक्ति बैंक संचालित हो रहा था। व्यापारियों व स्थानीय निवासियों ने बैंक पर इसलिए विश्वास जताया कि बैंक में कुछ स्थानीय निवासी कर्मचारी भी कार्यरत थे। क्षेत्रवासियों ने अपनी खून-पसीने की कमाई बैंक में जमा कराई, ताकि जरूरत के समय जमा पूंजी काम आ सके। लेकिन, बैंक बंद होने से ग्राहकों की लाखों की धनराशि डूब गई। बीती बुधवार को जब व्यापार मंडल अध्यक्ष रघुवीर रमोला अपने काम के लिए बैंक में पहुंचे तो बैंक पर ताला लटका था। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते यहां पर मौजूद बैंक में काम करने वाले स्थानीय कर्मचारी राकेश बेलवाल व मनोज गुसांई ने बताया कि बैंक मैनेजर व कर्मचारी यहां से सभी दस्तावेज, फाइल व अन्य सामग्री ले गए हैं और बैंक में ताला लगा दिया। इस पर व्यापार मंडल अध्यक्ष ने अन्य ग्राहकों को भी इसकी सूचना दी। जिसके बाद वहां पर व्यापारी और स्थानीय लोग जमा हो गए और उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों को घेर लिया। अध्यक्ष रघुवीर रमोला ने बताया कि उनके बैंक में 76 हजार रुपये जमा है, जबकि विपुल नौटियाल का कहना है कि बैंक में उनके करीब तीन लाख रुपये जमा हैं। स्थानीय कर्मचारियों ने व्यापार मंडल अध्यक्ष की बैंक मैनेजर से फोन पर बात करवाई जिस पर मैनेजर ने आश्वासन दिया कि दस दिन के भीतर सभी के पैसे लौटा दिए जाएंगे। जिसके बाद स्थानीय कर्मचारियों को छोड़ा गया। व्यापार मंडल अध्यक्ष रघुवीर रमोला ने बताया कि यदि दस दिन में ग्राहकों के पैसे नहीं लौटाए तो बैंक मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। बैंक बंद होने से ग्राहक परेशान हैं।

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