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कांवड़ यात्रा: शिवरात्रि पर अभिषेक के साथ कांवड़ मेला संपन्न, रिकाॅर्ड 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने भरा गंगाजल

कांवड़ यात्रा: शिवरात्रि पर अभिषेक के साथ कांवड़ मेला संपन्न, रिकाॅर्ड 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने भरा गंगाजल
देहरादून. सावन के महीने के साथ शुरू हुई कांवड़ यात्रा उत्तराखंड के लिहाज़ से इस बार रिकाॅर्ड तोड़ रही. दो सप्ताह के भीतर प्रदेश में करीब चार करोड़ कांवड़ियों ने गंगाजल भरा. हरिद्वार में ही साढ़े तीन करोड़ से ज़्यादा कांवड़िए पहुंचे. इसके अलावा उत्तरकाशी ज़िले में गंगोत्री और गोमुख से भी गंगाजल लेने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया. गुरु पूर्णिमा के एक दिन बाद से शुरू हुई यह यात्रा कल 26 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि के साथ संपन्न् हो गई.

पिछले ही हफ्ते से डाक कांवड़ यात्रा शुरू हो गई थी और इस दौरान मंगलवार को हरिद्वार में कांवड़ियों का बड़ा हुजूम जुटा. कांवड़ यात्रा के अंतिम दिन हरिद्वार में ही लाखों श्रद्धालु गंगाजल उठाने के लिए पहुंचे. हर की पैड़ी और अन्य घाटों पर भारी भीड़ दिखाई दी. मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में कांवड़ियों का हुजूम उत्तराखंड में उमड़ा. खबरों की मानें तो मंगलवार की शाम तक करीब 3.8 करोड़ कांवड़िए हरिद्वज्ञर से गंगाजल लेकर जा चुके थे.


कांवड़ मेला सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर ने यह जानकारी देते हुए यह भी कहा कि इस आंकड़े में इज़ाफा हो सकता है क्योंकि अंतिम दिन भी करीब 30 लाख श्रद्धालु पहुंचे. असल में, कांवड़ यात्रा का आयोजन इस साल दो साल बाद किया गया क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते 2020 और 2021 में यह यात्रा बाधित रही थी.


इस साल रिकाॅर्ड संख्या में आए कांवड़िए
कोरोना काल से पहले 2019 में कांवड़ यात्रा के दौरान 3.6 करोड़ श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे थे. एक खबर में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 2018 में 3.5 और 2017 में 3 करोड़ और इस आंकड़े से देखा जाए तो पांच साल में करीब 1 करोड़ श्रद्धालु ज़्यादा उमड़े. हरिद्वार के एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘इस बार आतंकी हमले के खतरे और सांप्रदायिक उन्माद के अंदेशे मेला फोर्स के सामने थे और इन चुनौतियों को हमने फतह किया. फोर्स ने इन 12 से 14 दिनों के भीतर अपनी प्रबंधन और प्रशासन क्षमता का बेहतरीन परिचय दिया.’

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