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चारधाम यात्रा : यमुनोत्री में आज से शुरू होगी डंडी-कंडी प्रीपेड टोकन व्यवस्था, काउंटर से लें टोकन


 चारधाम यात्रा : यमुनोत्री में आज से शुरू होगी डंडी-कंडी प्रीपेड टोकन व्यवस्था, काउंटर से लें टोकन
 बड़कोट : यमुनोत्री धाम में आज से डंडी और कंडी प्रीपेड टोकन व्यवस्था लागू हो जाएगी। जिला पंचायत ने व्यवस्था का संचालन करने वाले ठेकेदार को इसके निर्देश दिए हैं। साथ ही घोड़ा-खच्चर, डंडी और कंडी संचालकों की ओर से मनमाना किराया वसूलने को लेकर नोटिस भी जारी किया।

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संजय खंडूड़ी ने शनिवार को यमुनोत्री धाम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कई अव्यवस्थाएं नजर आई। जिस पर उन्होंने तीर्थयात्रियों से घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी संचालकों द्वारा अधिक किराया वसूलने पर 25 से अधिक चालान काटे। साथ ही जानकी चट्टी में तैनात ठेकेदार को भी नोटिस दिया गया है।

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संजय खंडूड़ी ने कहा कि यमुनोत्री धाम के यात्रा मार्ग पर कई अव्यवस्थाएं हैं। घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी संचालकों की ओर से अधिक किराया वसूलने की भी शिकायत मिली है। जिस पर लगातार चालान काटे जा रहे हैं। ओवर रेट निर्धारित और नियंत्रित न किए जाने को लेकर ठेकेदार को नोटिस दिया गया है। रविवार से डंडी और कंडी की प्रीपेड टोकन व्यवस्था शुरू की जाएगी।

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संजय खंडूड़ी ने बताया कि डंडी कंडी की सेवाओं को लेने वाले यात्री जानकी चट्टी में पुलिस चौकी के पास जिला पंचायत के काउंटर से प्रीपेड कूपन लेंगे। कूपन में निर्धारित किराया अंकित होगा। जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम जाने और आने के लिए डंडी के लिए निर्धारित किराया का 4235 रुपये है, जबकि कंडी के लिए निर्धारित किराया 1940 रुपये है।

किराया यात्री को जिला पंचायत के काउंटर पर ही जमा करना होगा जिसके बाद जिला पंचायत के काउंटर पर ठेकेदार द्वारा कूपन दिया जाएगा। यह कूपन यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के बाद जानकी चट्टी लौटने पर यात्री संबंधित डंडी कंडी संचालक अथवा जिला पंचायत के काउंटर पर देंगे। इसके बाद डंडी कंडी संचालक को किराये की धनराशि दी जाएगी।

केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए पैदल यात्रा में बड़ी संख्या में उपयोग में लाए जा रहे घोड़ेे-खच्चरों की संख्या अब नियंत्रित होगी। पैदल यात्रा मार्गों पर घोड़े-खच्चरों की मृत्यु के प्रकरण सामने आने के बाद शासन ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा के निर्देश पर विभागीय सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने शनिवार को आदेश जारी कर रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।

आदेश के अनुसार यात्रा मार्गों पर अश्व चालकों द्वारा घोड़े-खच्चरों का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है। इससे इन पशुओं की मृत्यु के प्रकरण सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि पशुओं के प्रति कूरतापूर्ण व्यवहार पर रोक लगाई जाए। निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित अश्व चालक के विरुद्ध पशु कू्ररता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाए।

यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा मार्ग पर प्रत्येक घोड़ा-खच्चर और उसके स्वामी को व्यक्तिगत गत टोकन जारी कर उनके चक्रों की संख्या नियंत्रित की जाए। अश्व चालक अथवा स्वामी को अपने पशु का स्थानीय पशु चिकित्साधिकारी से स्वास्थ्य परीक्षण कराने के साथ ही पहचान के लिए उसके कान पर टैग लगाना अनिवार्य होगा। यदि किसी अश्व की मृत्यु होती है तो स्थानीय पशु चिकित्साधिकारी के माध्यम से उसके शव का पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य होगा।

दो अतिरिक्त टीम होंगी तैनात

पशुपालन विभाग की ओर से वर्तमान में केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर पशुचिकित्सकों व सहयोगी कार्मिकों की दो और यमुनोत्री मार्ग पर एक टीम तैनात की गई है। अब विभागीय सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने दोनों मार्गों पर एक-एक अतिरिक्त टीम की तैनाती के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर टीमों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

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