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देहरादून: सहसपुर में निर्माणाधीन मकान का पिलर धंसने से मबले में दबकर मासूम की मौत

 
देहरादून: सहसपुर में निर्माणाधीन मकान का पिलर धंसने से मबले में दबकर मासूम की मौत
देहरादून :देहरादून में विकासनगर के कोटड़ा कोटड़ा गांव में निर्माणाधीन मकान के पिलर धंस जाने से भाई बहन मलबे में दब गए। बहन को तो सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन भाई की मौत हो गई।  जानकारी के अनुसार कोटड़ा गांव में राजेश थापली का पुश्तैनी मकान था। 

मकान के ऊपर दूसरी मंजिल बना रहे थे। पुश्तैनी मकान में वह पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहे थे। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह राजेश थापली मजदूरों के साथ निर्माणाधीन मकान में प्लास्टर करवा रहे थे। पत्नी सुमन घर के अन्य काम निपटा रही थी। सुबह करीब नौ बजकर 40 मिनट पर निर्माणाधीन मकान का एक पिलर टूट गया। जिसके दबाव से मकान के अन्य पिलर भी टूट गए और निर्माणाधीन मकान का एक हिस्सा पुराने मकान के ऊपर गिरा। जिसके चलते राजेश थापली की सात वर्षीय पुत्री आस्था और पांच वर्षीय पुत्र आरव उर्फ प्रिंस नीचे फंस गए। हादसे की जानकारी पूर्व प्रधान राजपाल ने भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर को दी। 

नवीन ठाकुर की सूचना पर पुलिस, दमकल कर्मी और एसडीआरएफ के जवान मौके पर पहुंचे। टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही पिता राजेश थापली ने किसी तरह बेटी आस्था को बाहर निकाला। उसे मामूली खरोंचे आई। सूचना पर क्षेत्रीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, एसपी देहात स्वतंत्र कुमार, एसडीएम सौरभ असवाल, सीओ विरेंद्र दत्त उनियाल मौके पर पहुंचे, लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी दो लेंटरों के बीच फंसे आरव को बचाया नहीं जा सका। कई घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शव को बाहर निकाला जा सका।


बेटी को बचाने की खुशी, बेटे को खोने का गम
राजेश थापली बड़ी उम्मीदों से अपना मकान बना रहे थे, लेकिन यह मकान उन्हें जीवनभर का दर्द दे गया। उनके पुश्तैनी मकान के ऊपर ही पिलरों के सहारे निर्माण किया जा रहा था। हादसे के दौरान उनकी बेटी आस्था और बेटा आरव पुश्तैनी घर में पढ़ाई कर रहे थे। इस पहले की वे कुछ समझ पाते निर्माणाधीन मकान का एक हिस्सा पुश्तैनी मकान के ऊपर गिर गया। यह देख वहां चीखपुकार मच गई। अंदर से आस्था की दबी चींखे सुनाई दे रही थीं। वह पापा बचा लो की आवाजें लगा रही थीं, लेकिन आरव का कुछ पता नहीं चल पा रहा था।

पिता राजेश थापली ने जान की परवाह किए अपने बच्चों को बचाने के लिए पूरी ताकत झौंक दी। वे किसी तरह अंदर पहुंचे और अपनी बेटी को सुरक्षित बाहर निकाल लाएं, लेकिन अपने बेटे आरव को न बचा पाने का गम उन्हें जीवनभर रहेगा। आरव उनका एकलौता बेटा था। जैसे ही रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे जवान ने यह जानकारी दी कि आरव का शव दो लिंटरों के बीच फंसा है। यह सुन परिजनों में चीखपुकार मच गई। रेस्क्यूू ऑपरेशन में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारी मायूस हो गए। कड़ी मशक्कत के बाद आरव के शव को बाहर निकला जा सका। मासूम के शव को देख परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे। जिसने भी यह देख उसकी आंखें छलक गईं। राजेश थापली एक स्कूल में सिक्योरटी गार्ड हैं।

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