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रक्षाबंधन 2021 शुभ मुहूर्त : दिन भर भाई की कलाई पर रखी बांध सकेंगी बहनें, ये हैं चार शुभ मुहूर्त...

 
रक्षाबंधन 2021 शुभ मुहूर्त : दिन भर भाई की कलाई पर रखी बांध सकेंगी बहनें, ये हैं चार शुभ मुहूर्त...
भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 22 अगस्त रविवार को है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक कर उसके हाथों पर रेशम की डोर से बनी राखी बांधती हैं। भाई भी इस प्रेम के बदले अपनी बहन को अपनी जेब अनुसार उपहार भेंट कर उनकी आजीवन रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। लेकिन राखी बांधने के लिए शुभमूर्हूत का होना बहुत ही जरूरी होता है। 


रक्षा बंधन के पर्व पर इस बार भद्रा का साया नहीं है। बहनें पूरे दिन स्नेह की डोर से भाइयों की कलाइयां सजा सकेंगी। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन संयोग को उत्तम माना गया है। रक्षाबंधन के दिन तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए लाभकारी साबित होंगे।

रक्षा बंधन के लिए ऐसी मान्यता है कि राजा बलि ने एक बार भगवान विष्णु को भक्ति के बल पर जीत लिया और उनसे यह वरदान मांगा कि अब आप मेरे ही राज्य में रहें, भगवान मान गए और उसी के राज्य में रहने लगे। उनके वापस न आने से लक्ष्मी दुखी रहने लगीं।

तब एक बार नारद के परामर्श पर लक्ष्मी पाताल लोक गईं और बलि के हाथ पर रखी बांधकर उन्हें भाई बनाया और फिर उन्होंने बलि से निवेदन कर विष्णु को वापस लेकर वैकुंठ धाम ले आईं। तब से ही रक्षा बंधन की परंपरा चल रही है।

जानकारों के अनुसार रक्षाबंधन के दिन 22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा। यह योग शुभ फलदायी होता है। इसके साथ ही रक्षाबंधन के दिन रात 7 बजकर 40 मिनट तक धनिष्ठा योग रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को शाम सात बजे से प्रारंभ हो रही है। 

इसका समापन 22 अगस्त को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। आमतौर पर भद्रा के कारण बहनों को राखी बांधने के लिए समय कम ही मिलता रहा है। इस बार भद्रा नहीं होने से राखी बांधने के लिए 12 घंटे और 11 मिनट की अवधि का दीर्घकालीन शुभ मुहूर्त है। राखी सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजकर 3 मिनट तक कभी भी बांधी जा सकेगी।

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
- शुभ मुहूर्त : सुबह 5.50 मिनट से शाम 6.03 मिनट।
- दोपहर 1.44 से 4.23 मिनट तक।
- अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.04 से 12.58 मिनट तक।
- अमृत काल सुबह 9.34 से 11.07 तक।
   

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