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वायरल का सच : क्‍या बद्रीनाथ धाम में पढ़ी गई नमाज़? क्या कहते हैं तथ्य.. जाने पुरा सच..


वायरल का सच : क्‍या बद्रीनाथ धाम में पढ़ी गई नमाज़? क्या कहते हैं तथ्य.. जाने पुरा सच.. 
चमोली. उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल बद्रीनाथ धाम में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा नमाज़ पढ़े जाने की खबरें लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. इस मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ तो चमोली पुलिस ने कहा कि मामला सामने आते ही पुलिस ने इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की. प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने ऐसी किसी भी घटना को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब भ्रामक प्रचार है और ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है. हालांकि इस मामले में मुकदमा ज़रूर दर्ज किया गया है.

क्या है मामला और आरोप?
ईद उल जुहा के मौके पर मंदिर परिसर में मुस्लिमों के नमाज़ पढ़ने के मामले ने तूल पकड़ा और सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस शुरू हो गई. इस तरह के आरोप लगाए गए कि मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जुटे, सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क संबंधी नियम तोड़े गए, धार्मिक स्थान पर नमाज़ पढ़ी गई और इसके लिए बाहर से भी मौलाना आदि आए. लेकिन इस घटना के बारे में पुख्ता सबूत क्या कहते हैं?

पुलिस ने बताया अफवाह, यह है एसपी का बयान
चमोली ज़िले के शीर्ष पुलिस अफसर यशवंत सिंह चौहान ने एक वीडियो में अपना बयान जारी किया. इससे पहले चमोली पुलिस ने​ ट्वीट करते हुए लोगों से अपील करते हुए लिखा कि 'इस प्रकार के भ्रामक संदेशों को प्रसारित न करें और सांप्रदायिक कटुता को बढ़ावा न दें.' पढ़िए एसपी का पूरा बयान.

"मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि हॉस्पिटल और आईएसबीटी के रास्ते में जो दुमंज़िला पार्किंग बन रही है, उसमें स्थानीय ठेकेदार हरिंदर पवार है. उसके यहां कुछ मज़दूर हैं, जिनकी रिहाइश पार्किंग के निचले तल पर ही है. जिस मामले को लेकर विवाद है, उसमें इन मज़दूरों द्वारा नमाज़ पढ़ने की बातें कही जा रही हैं. बद्रीनाथ धाम में नमाज़ पढ़े जाने की बातें इसलिए बेसिरपैर हैं क्योंकि ऐसी घटना का कोई चश्मदीद नहीं है, कोई सबूत नहीं हैं, कोई फोटो या वीडियो नहीं है.

सोशल मीडिया पर बातें फैलाई जा रही हैं कि किसी स्थान विशेष को चिह्नित किया गया, भारी संख्या में लोगों ने नमाज़ पढ़ी, ये सब तथ्यहीन बातें हैं. न किसी सार्वजनिक स्थल पर ऐसी घटना हुई और न ही इसके लिए बाहर से किसी मौलवी को बुलाया गया, न लाउडस्पीकर लगाया गया. ये सब अफवाहें हैं. चूंकि कुछ लोगों ने आरोप लगाया है इसलिए आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में जांच की जा रही है और अगर सबूत सामने आएंगे तो उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी."

गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले ने इसलिए तूल पकड़ा था क्योंकि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज से बुधवार को मुलाकात कर बद्रीनाथ धाम में नमाज़ पढ़े जाने के आरोप लगाए थे और कार्रवाई की मांग की थी.

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