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हरिद्वार से 3000 से ज़्यादा कां​वड़िये लौटाए गए कांवड़ियों को बॉर्डर पर दिया जा रहा गंगाजल,


हरिद्वार से 3000 से ज़्यादा कां​वड़िये लौटाए गए कांवड़ियों को बॉर्डर पर दिया जा रहा गंगाजल,
हरिद्वार/देहरादून. कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनज़र कांवड़ यात्रा रद्द किए जाने के बावजूद हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों का आना जारी है, जो उत्तराखंड प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. अगर रद्द नहीं होती तो 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा होती. उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक अब तक कम से कम 3000 कांवड़ियों को लौटाया जा चुका है. गंगाजल लेने पहुंचे 300 से ज़्यादा कांवड़ियों को हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लौटाया गया. दूसरी तरफ, उत्तराखंड में लगातार बारिश के चलते मौसम खराब होने के हवाले से पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को चेतावनी भी जारी की है.

पड़ोसी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं को हरिद्वार के बॉर्डरों पर बने चेकपोस्टों से वापस भेजा जा रहा है. डीआईजी नीलेश आनंद भारणे के हवाले से खबरों में कहा गया कि हरिद्वार ज़िला पुलिस ने 27 जुलाई तक 3635 कांवड़ियों को वापस भेजा. ये कांवड़िये 1174 दो पहिया वाहनों, 3473 छोटे वाहनों और 136 बड़े वाहनों के ज़रिये हरिद्वार ज़िले में प्रवेश लेना चाह रहे थे. इसी तरह, भारणे के मुताबिक 316 श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन से लौटाया गया.

‘कोई कांवड़िया मिला तो क्वारंटाइन किया जाएगा’
भारणे ने यह भी बताया कि बॉर्डर से ही कांवड़ियों को रोकने के इंतज़ाम हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर कोई हरिद्वार में प्रवेश ले लेता है, तो उसे 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाएगा. 

भारणे के मुताबिक हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से कांवड़ियों को बॉर्डर पर ही बोतलों में गंगाजल उपलब्ध कराने का काम शुरू हो गया है। हालांकि, पहले दिन सिर्फ भगवानपुर के काली नदी और मंडावर चेक पोस्ट पर ही लोग गंगाजल लेने पहुंचे। नारसन और खानपुर बॉर्डर पर गंगाजल के टैंकर तो खड़े हैं, लेकिन कोई गंगाजल नहीं आया। भगवानपुर के बॉर्डर पर कांवड़ियों ने इस मुहिम की सराहना की। 

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