UK बोले तो Uttrakhand

अभी नही तो कभी नही

फिर उमेश कुमार की आंखों में छलका पहाड का दर्द, राशन, दवाईयां, संसाधन पंहुचाने में जुटी टीम

फिर उमेश कुमार की आंखों में छलका पहाड का दर्द
राशन, दवाईयां, संसाधन पंहुचाने में जुटी टीम


" नहीं दरकार दौलत शौहरत की दिल को मेरे मालिक
वर दे इतना, ना भुखा जाए मेरी दहलीज से कोई "

हम बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार तथा समाजसेवी श्री उमेश कुमार की जो सरकारी अडंगे, कई झुठे आरोप, दसियों झुठे मुकदमे,विरोधियों के लगातार चलते शड़यंत्र झेलते हुए भी कोरोना काल में बिना माथे पर शिकन के दिन रात उतराखंड में जरुरतमंदों की मदद में लगे हैं जहाँ पिछले साल अपने खर्चे पर इधर उधर फंसे सैंकड़ों प्रवासियों को उनके घरों तक पंहुचाया , दूर दराज के गाँव गाँव में जरूरतमंद को राशन पंहुचा हजारों घरों के चुल्हों को बुझने ना दिया, सडकों पर लंगर लगाकर लाखों आते जाते मजदूरों गरीबों के पेट की आग को शांत किया और दुआ ममएँ लुटने का कोई मौका अपने हाथ से जाने ना दिया
उसी प्रकार दुवाओं के लालची बन चुके उमेश कुमार कोरोना की दुसरी लहर शुरू होते ही एकबार फिर नींद चैन भुलकर निकल पड़े अपनी मेहनत की कमाई खर्च कर करोड़ों की दुआएँ कमाने
और बिगडते हालात में उमेश कुमार और उनकी टीम लगातार लगी है धरातल पर अपना सौ प्रतिशत लेकर कि बिमारों की जाने बचाई जा सकें , भूखों जरुरतमंदों को राशन पंहुचाया जा सके


अब तक 200 जरुरतमंदों को पंहुचाया राशन

इसी कडी में अभी तक पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में 200 परिवारों को विभिन्न सदस्यों के माध्यम से राशन वितरण किया जा चुका है और जहाँ से भी सुचना मिल रही है राशन पंहुचाने की सेवा लगातार जारी है और उमेश कुमार के अनुसार यह सेवा बुरा दौर खत्म होने तक जारी रहेगी


उतराखंड के हर ब्लॉक न्याय पंचायत में अगले कुछ दिनों में पहुचेगी दवाईयां, ऑक्सीमीटर , इंफ़्रारेड मशीने

यही नहीं इस बार पहाडों में भयानक होते हालात दवाई तथा संसाधनों के आभाव जांच की कमी के चलते मरते लोगों की खबरें आने के बाद उमेश कुमार ने घोषणा की कि वह सीमित समय में हर हाल में पहाड के संसाधनों की पंहुच से बाहर दूर दराज के हर क्षेत्र में जरूरी दवाईयां तथा कोरोना संबंधित उपकरण पहुचाएंगे और इसी कडी में आज उमेश कुमार तथा उनकी संस्था पहाड़ परिवर्तन समिति के सदस्यों द्वारा उत्तराखंड के क़ाबिना मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी से मुलाक़ात करके पहाड़ के लिए 1 लाख पैरासिटामोल की टैब्लेट , ऑक्सीमीटर , इंफ़्रारेड मशीने सौंपी गई ताकि इन्हें तत्काल पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में पंहुचाया जा सके जबकि इस दौरान उमेश कुमार ने बताया कि इसके अलावा अन्य 1 लाख पैरासिटामोल , 400 ऑक्सीमीटर , 400 इंफ़्रारेड मशीन के साथ 17 मई को गढ़वाल और कुमाऊँ के दौरे पर निकल रहे है ।


हालाकि मंत्री सुबोध उनियाल को दवाईयां, व अन्य सामग्री सौंपे जाने पर एक बार फिर कई राजनैतिक गिद्ध उनपर ऊंगली उठाने लगे तथा तरह तरह के आरोप प्रतिरोपों का सिलसिला शुरू हो गया
जब हमने इस बाबत उमेश कुमार से बात की तो अपने चरप्रिचित तेज तर्रार स्वभाव के विपरीत वह एकदम शांत नजर आए और बडी धीमी आवाज में बोले
आपको पता है पहाडों का क्या हाल है..  ? खेतों में लाशें जल रही हैं.. लोग दवाईयों, संसाधनों के अभाव में मर रहे हैं.. क्या आपका दिल नही रोता यह मंजर देखकर... ? कलेजा फटता है मेरा.. क्या जवाब दूंगा उस भगवान को.. क्या जवाब दूंगा कल खुद को... ?
मुझे हर हाल में उन तक मदद पंहुचानी है बस.. ! चाहे मुझे अपने सबसे बडे दुश्मन की मदद लेनी पडे.. किसी के हाथ जोडने पडें..
लोग क्या कहते हैं मुझे कोई फर्क़ नहीं पडता मेरी छवि को बदनाम करते हैं कोई फर्क नहीं पडता,
उनियाल जी अच्छा काम कर रहे हैं सरकार में हैं उनके पास संसाधन हैं जिससे जल्द जरूरमंदो तक पंहुचा जा सके, मुझे हीरो नहीं बनना बस खुद को खुशकिस्मत समझूँगा अगर चंद आंखों के भी आंसू पोंछ पाया,
किसी के भी हाथ से पंहुचे बस समय पर मदद पंहुचनी चाहिए ,
बाकी हमारी टीम भी कल निकल रही है 1 लाख पैरासिटामोल , 400 ऑक्सीमीटर , 400 इंफ़्रारेड मशीन के साथ गढ़वाल और कुमाऊँ के दौरे पर,
मेरा विश्वास है हम मिलजुलकर इस बुरे वक्त को भी हरा देगें...
आगे उन्होंने कहा मेरी हाथ जोड़कर बिनती है आरोप लगाने वालों से, दुशमनों से, राजनीति करने वालों से ,
इंसानियत खतरे में है यार मिलजुलकर पहले इस महामारी से लडते हैं.. इंसान नहीं रहे राजनीति किस पर करोगे.. ? बचा लो यार..

जहाँ उमेश कुमार का इंसान तथा इंसानियत के प्रति ऐसा भावनात्मक लगाव उन्हें जनता के दिल में उतार रहा है वहीं दूसरी खास चीज जो उनका जनसेवा का जज्बा बयान करती है वो यह कि ना तो वह अभी तक नेता हैं कि उन्हें वोट चाहिए और ना ही वह अभिनेता हैं कि सपोर्ट चाहिए उनकी कोई संस्था नहीं है जहाँ लोग पैसे देते हों फिर भी वो बिना किसी लालच के यह सारे जनसेवा के काम वह अपनी खुद की नीजी मेहनत की कमाई से करते हैं और अब तक करोड़ों रूपये खर्च कर चुके हैं
हालांकि पत्रकारिता के दौरान नेताओं, सरकारों की भ्रष्ट नितियों को उजागर करने पर उन पर राजद्रोह सहित कई मुकदमे, तथा ब्लैकमेलिंग जैसे आरोप लगते रहे हैं जो कभी साबित नहीं हो पाये और भारत का सबसे बड़ा न्याय का मंदिर सुप्रीम कोर्ट भी उन्हें तमाम आरोपों से बरी कर आरोप लगाने वालों को ही फटकार लगा चुका है

खैर अब जब एक विधायक बड़ी घंमड से ऐलान करता है कि मैं अपनी विधायक निधि से कोरोना फंड में एक करोड़ रूपये देता हूँ तो हम बडे तारीफों के पूल बाँधते है सोशल मीडिया पर कमेंटो की बौछार हो जाती है " बहुत बढिया विधायक जी " सराहनीय, ..
बिना यह समझे कि विधायक निधि विधायक की कहाँ से हो गई.. ? वो तो जनता का पैसा है..
सरल शब्दों में जनता एक परिवार है जिसने चुनकर बकायदा तनख्वाह पर विधायक एक नौकर रखा है और उसे परिवार द्वारा पैसे दिये गये हैं कि घर की जरूरत का कोई भी समान वो इन पैसों से तुरंत जाकर लाएगा परिवार में किसी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए..

अब जब आप ही के दिये पैसे आप ही का चुना हुआ नौकर जब आपकी सेवा में खर्च रहा है ( जिसके लिए उसे तनख्वाह सहित तमाम ऐशोआराम भी मिल रहा है )
और आप फिर भी उसकी तारीफ में कसीदे पढ रहे हैं

तो उमेश कुमार जैसे दर्जनों झुठे मुकदमे झेलने के बाद भी हजारों गालियाँ खाने के बाद अपनी जान अपने परिवार की परवाह किये बिना नि स्वार्थ, निशपक्ष, दिन रात, तन मन धन से जनसेवा में लगे इंसान को आप क्या कहेंगे.. ?
किसी नेता का सपोर्टर नहीं, किसी पार्टी का वर्कर नहीं, इस महामारी के कठिन दौर में बस एक इंसान बनकर सोचें.. फैसला आपका .. ?

उमेश कुमार सलाम आपको...

प्रदीप भारतीय 🇮🇳👳

Post a Comment

0 Comments