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महाकुंभ 2021: आनंद-आह्वान अखाड़े की निकली भव्य पेशवाई, दिखी साधु-संतों की शाही शान


महाकुंभ 2021: आनंद-आह्वान अखाड़े की निकली भव्य पेशवाई,  दिखी साधु-संतों की शाही शान 
हरिद्वार : श्री तपोनिधि आनंद और श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई शुक्रवार को राजसी शानोशौकत के साथ निकाली गई। हाथी, घोड़े, ऊंटों के काफिले के साथ रथों में चांदी के सिंहासन पर सवार आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर का शाही अंदाज देख कुंभनगरी अभिभूत हो गई। नागाओं के हैरतअंगेज करतब और भाव-भंगिमा ने श्रद्धालुओं को रोमांचित कर दिया।

संतों की छवि इतनी भायी कि छतों और सड़कों से फूल बरसाकर उनका स्वागत किया गया। संतों ने भी श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए आशीर्वाद दिया। देर शाम दोनों अखाड़ों की पेशवाइयां अलग-अलग रूटों से अपनी छावनियों में पहुंचीं।

एसएमजेएन कॉलेज स्थित अस्थायी छावनी से श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े की पेशवाई सुबह 11 बजे इष्टदेव सूर्य नारायण के संरक्षण में रवाना हुई। पेशवाई में नागा साधुओं के अभेद्य सुरक्षा कवच के बीच सूर्य देव की चांदी की पालकी चल रही थी। उसके पीछे अखाड़े की धर्म ध्वजा के साथ आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि दस फीट ऊंचे रथ पर चांदी के सिंहासन पर विराजमान थे। उनके पीछे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी और श्रीमहंत रामरतन गिरि रथों पर सवार थे।
पेशवाई में नागाओं की फौज श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। नौजवान से लेकर वयोवृद्ध नागाओं के करतबों ने श्रद्धालुओं को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया। बैंड बाजों की धुनों और झांकियों को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। पेशवाई चंद्राचार्य चौक, शंकर आश्रम और कनखल होते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी पहुंची। वहीं, ज्वालापुर के पांडेवाला स्थित अस्थायी छावनी से श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई भी शाम चार बजे राजसी अंदाज में शुरू हुई। सबसे आगे इष्टदेव गणपति भगवान की पालकी चली। इसके पीछे घोड़ों और ऊंटों पर नागा संन्यासी सवार थे।

धर्म ध्वजा के बाद आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर शिवेंद्र पुरी, राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्या गिरि और संरक्षक नीलकंठ गिरि रथ पर चांदी के हौद पर आसीन थे। उनके पीछे महामंडलेश्वरों का काफिला था। बैंड बाजों के बीच पेशवाई मार्ग पर बढ़ते संतों के रथों की शोभा अद्भुत थी।
नागाओं के करतब देखने के लिए कई जगह श्रद्धालु सुरक्षा घेरा तोड़ आगे बढ़ते दिखे। ज्वालापुर से छावनी पहुंचने तक पेशवाई का जगह-जगह स्वागत हुआ। भवनों की छतों पर पेशवाई के इंतजार में बैठे लोगों ने जमकर फूल बरसाए। संतों ने भी हाथ हिलाकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। रेल चौकी, ऊंचा पुल, आर्यनगर चौक, देवपुरा चौक होते हुए रैली ललतारौ पुल स्थित छावनी पहुुंची। श्रद्धालुओं ने छतों और सड़कों से संतों पर पुष्प वर्षा की। कई स्थानों पर स्वागत स्टाल बनाकर संतों को फूल मालाएं पहनाई गईं। काफिले में पैदल चल रहे संतों, बैंड पार्टी, अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, कर्मचारियों को पानी और शर्बत भी पिलाया। कुछ स्थानों पर सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था थी।

आह्वान और आनंद अखाड़ा की पेशवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी। पूरे पेशवाई मार्ग पर लगातार वीडियोग्राफी भी कराई गई। आनंद अखाड़ा की पेशवाई एसएमजेएन पीजी कॉलेज से और आह्वान अखाड़े की पेशवाई पांडेवाला से निकली। सुरक्षा व्यवस्था पुलिस अधीक्षक नगर कमलेश उपाध्याय और यातायात की कमान पुलिस अधीक्षक यातायात प्रदीप कुमार राय ने संभाली। प्रत्येक झांकी में महामंडलेश्वर और मुख्य पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए अलग से ड्यूटी लगाई गई थी।

 

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