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हरिद्वार : हरिद्वार से लक्सर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण पर ट्रेन ट्रायल के दौरान चार लोगों की कटकर मौत

हरिद्वार  : हरिद्वार से लक्सर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण  पर ट्रेन ट्रायल के दौरान  चार लोगों की कटकर मौत
हरिद्वार : ज्ञात हो कि हरिद्वार से लक्सर के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य लगभग पुरा हो चुका है जिस पर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद ट्रायल के लिए 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई गई ट्रेन से कटकर चार लोगों की मौत हो गई। जमालपुर फाटक के पास चारों के शव ट्रैक के दोनों किनारों पर क्षत विक्षत हालत में पड़े मिले। शाम के समय हुए हादसे के बाद रेलवे और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।

आननफानन एसपी सिटी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और शवों को रेलवे ट्रैक के किनारों से उठवाया। पुलिस ने दो शवों की शिनाख्त कर ली है, जबकि दो की शिनाख्त की कोशिश जारी है। वहीं, सूचना मिलते ही जीआरपी के एसएसपी और हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने भी मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। हरिद्वार से लक्सर के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। बृहस्पतिवार को ट्रैक पर ट्रायल के लिए 120 किमी की स्पीड से ट्रेन चलाई जा रही थी। घटनास्थल के आसपास आबादी क्षेत्र है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के कारण आसपास रहने वाले लोग ट्रेन की पटरियों पर बैठकर टाइम पास करते थे। 
बृहस्पतिवार को ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के जमालपुर फाटक के पास कुछ युवक ट्रैक पर बैठे थे। इसी बीच ट्रायल के लिए 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन वहां से गुजरी। ट्रेन की स्पीड अधिक होने पर युवकों को वहां से भागने का मौका ही नहीं मिला। पलभर में ट्रेन चारों युवकों के ऊपर से गुजर गई। घटना की सूचना ट्रेन के लोको पायलट ने आरपीएफ और रेलवे कंट्रोल रूम में दी।ज्वालापुर कोतवाली निरीक्षक प्रवीण कोश्यारी का कहना है कि दो शवों की शिनाख्त विशाल चौहान (24) पुत्र अरविंद चौहान और गोलू निवासी सीतापुर गांव, हरिद्वार के रूप में हुई है। बाकी दो युवकों की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि गांव के ही दो और युवक घर से लापता हैं। आशंका जताई जा रही है कि कहीं चारों युवक साथ ही तो नहीं थे। 


उधर मामले पर रेलवे डीआरएम मुरादाबाद मंडल तरुण प्रकाश का कहना रेलवे का काम चल रहा है। इसके बारे में लोगों को खुद ही जानकारी होनी चाहिए। इस घटना में रेलवे की कोई गलती नहीं है। 



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